उल्टियां रोकने के उपाय | उल्टी (Vomiting) होने के कारण और उपाय: उल्टी (Vomiting) का मतलब ये है की मुंह के माध्यम से पेट की सामग्री को जबरन स्वैच्छिक या अनैच्छिक रूप से खाली करना या ऊपर फेंकना है।
एक उल्टी ऐसी भी होती है जब आपको उबकाई आती है और उल्टी जैसा महसूस होता है, लेकिन आपके पेट से कुछ नहीं निकलता है। आइये सीखते है उल्टी के उपाय
उल्टी के कारण
उल्टी आना यथार्थ में किसी स्वतंत्र रोग न होकर कोई अन्य रोग का लक्षण है।
इन रोगों में मुख्य हैं-अजीर्ण, अम्लपित्त, आहार-विषाक्तता, विषाक्तता, आमाशय के निचले भाग में अवरोध, आमाशय में कैंसर और टी.बी. का संक्रमण, पित्ताशय शोथ, तीव्र वृक्क शोथ और पित्ताशय में पथरी तथा मूत्र-बिष-संचार।
यात्रा के बीच में भी कुछ व्यक्तियों को उलटी की शिकायत हो जाती है।
उल्टी के लक्षण
उल्टी में पचा हुआ और आधा-अधूरा पचा आहार पुर्णतः और आंशिक रूप से सुख से बाहर गुजर जाता है।
उल्टियां रोकने के उपाय
चूंकि उल्टी कई रोगों का लक्षण है, अत: लक्षणों के मुताबिक रोग का निदान करके ही उल्टी की चिकित्सा की जाती है। लाभ न होने पर कोई अन्य रोग की संभावना को फोकस में रखते हुए तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। उलटी के प्रारंभिक लक्षणों में निम्नलिखित चिकित्सा दी जा सकती है :
दो भाग सौंफ़, दो भाग खांड़ और एक भाग सफेद जीरा बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। आधा चम्मच से एक चम्मच की मात्रा दो सप्ताह तक लेने से अजीर्ण और अम्लपित्त जन्य उल्टी में फायदा होता है।
दो लौंग कूटकर आधा कटोरी जल में उबालें। जल आधा बचा रहने पर उसे छानकर स्वाद के मुताबिक मिसरी मिलाकर लें।
छाया में सुखाई हुई तुलसी की पत्तियां दो भाग, अजवायन दो भाग, सेंधानमक एक भाग, तीनों को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। ये चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में गुनगुने जल के साथ लेने से वमन में तुरंत आराम मिलता है। वृवक शोथ जन्य वमन में ये चूर्ण सुबह-शाम लेने से उल्टी एवं वृक्क शोथ, दोनों में आराम मिलता है।
- सूखे नारियल की जटा को जलाकर राख कर लें। इस भस्म को पीसकर और छानकर एक ग्राम की मात्रा में एक घूंट ताजे जल के साथ देने से उल्टियां आनी तुरंत रुक जाती हैं।
- पिपरमेंट जीभ पर रखने से उल्टी रुक जाता है।
- कपूर का अर्क पीने से उलटी रुक जाती है।
- अजवायन का सत, कपूर और पिपरमेंट को एक शीशी में मिलाकर रखें। तीनों पिघल कर जब द्रव रूप बन जाएं, तो ये मिश्रण अमृतधारा कहलाता है। दो घूंट जल में 3-4 बूंद डालकर पिलाने से उलटी तुरंत रुक जाती है।
- दो चम्मच तुलसी का रस, दो चम्मच शक्कर और मिसरी तथा आधा चम्मच पिसी हुई छोटी इलायची के बीज एक कप जल में मिलाकर लें।
- बच्चों को उलटी होती हो, तो तुलसी के बीज शहद में मिलाकर चटाएं। शहद के स्थान पर तुलसी के बीजों को दूध में भी पीसकर दिया जा सकता है।
- यदि बुखार के साथ उलटी हो रही हो, तो मिसरी पीसकर तुलसी के रस में मिलाकर दें। तुरंत आराम मिलता है।
- बस में यात्रा के बीच में जिन व्यक्तियों को वमन की शिकायत होती हो, उन्हें यात्रा से एक घंटा पूर्व एक लौंग चूस लेनी चाहिए। यात्रा के बीच में भी दो-दो घंटे बाद एक लौंग चूसते रहना चाहिए।
- उबकाई आने और जी मिचलाने पर कागजी नीबू काटकर, उस पर सेंधानमक और काली मिर्च लगाकर धीरे-धीरे चूसें। तुरंत आराम हो जाएगा।
- मीठे नीम के 10 पत्ते एक गिलास गर्म जल में पीसकर 2 घंटे के लिए डाल दें। ठंडा होने पर आधी-आधी कटोरी दिन में तीन बार लें।
- रोगी को सुबह-शाम अनार का रस पिलाएं।
उल्टी की आयुर्वेदिक दवा (औषधियां)
मयूर पिच्छ भस्म, शटी, प्रकंद चूर्ण, एलाचूर्ण का प्रयोग वमन को रोकने हेतु लाभदायक है।
उल्टी की पेटेंट दवा (औषधियां)
वोमिटैब सीरप और कैप्सूल (चरक), यवानी खाण्डव (धूतपापेश्वर) वमन की चिकित्सा में अत्यन्त लाभदायक हैं।
उल्टियां रोकने के उपाय
- 100 हिन्दी चुटकुले
- 1000 मजेदार चुटकुले
- Best friend jokes in hindi
- हंसी के चुटकुले हिंदी में
- पॉजिटिव सुप्रभात सुविचार
- पिता पर कविता कुमार विश्वास lyrics
- नक्षत्र लिस्ट - Nakshatra list in hindi
- सबसे अच्छे अनमोल वचन हिंदी में
- Unique eye catching nature dp for whatsapp
- गुहेरी का इलाज | Guheri ka ilaj
- जहर के लक्षण और इलाज
- टॉन्सिल को जड़ से खत्म करने का उपाय
- त्वचा पर काले धब्बे के कारण
- दस्त का घरेलू इलाज
- दांतों के रोग का घरेलू उपाय
- नपुसंकता के लक्षण व उपचार
- स्पेस फैक्ट्स इन हिंदी
- 100+ Random facts in hindi | 100 मजेदार रोचक तथ्य
- 10+ Amazing Cute Baby Photography ideas | Baby Images