हँसाने मजेदार चुटकुले: दोस्तों चुटकुले पढ़ने का आजकल वक्त किसे है? यह ठीक भी है, लेकिन जीवन में कई क्षण ऐसे आते हैं जो काटे नहीं कटते। जैसे रेल या बस का सफर।
उस वक्त हँसाने मजेदार चुटकुले आपको जरूर पसंद आएंगे। यही नहीं, रोजमर्रा की उबाऊ जिन्दगी में बोझल पल ज्यादा हैं, और हलके-फुलके पल कम और यह और भी बोझल बन जाते हैं जब दिन-भर की परेशानियां रात की नींद भगा डालती हैं।
ऐसे समय में इन गुदगुदाने वाले कुछ-एक चुटकुलों का मनन आपके दिमाग की चिंताओं को धुएं की तरह उड़ा देगा। उम्मीद करता हु आपको ये चुटकुले पसंद आयेंगे तो दोस्तों आप भी हँसे शेयर करके दुसरो को भी हंसने का मौका दे जिंदगी छोटी है चलो हँसते हँसते खुसी से पढ़ते हैं।
नेताजी-मुझे वोट दीजिए। मैं आपके गांव को जन्नत बना दूंगा।
श्रोता-मगर साहब, हमेँ तो जिंदा रहना है।
सुनील-बताओ अनिल जनता अक्ल से काम ले तो क्या होगा?
अनिल-तो उन्हें तलाक नहीं देना पड़ेगा।
सुनील-अगर और अधिक बुद्धि से काम लें तो?
अनिल-तो शादी की नौबत ही नहीं आएगी।
बेटी-मां, तुमने पिताजी से शादी क्यों की?
मां-तुम्हें भी इस बात पर आश्चर्य है?
स्टेशन पर गाड़ी खड़ी होते ही गणपतलाल जो अपना सामान उतारने लगे,
तभी किसी ने उनकी जेब काट ली।
गणपतलाल जी हड़बड़ाए, अटैची लेकर उतरे एवं अपनी सहयात्री से बोले-यह शहर अब शरीफों का नहीं रह गया है, भाई साहब।
आप ठीक कहते हैं।
सहयात्री बोला- पर तुम जो अटैची थामें हुए हैं, वह मेरी हैं।
ग्राहक एक दुकान पर पहुंचा।
कभी एक वस्तु उठाकर देखता, कभी दूसरी परखता।
कुछ पूछताछ भी की उसने।
काफी देर तक उसने ऐसा ही किया तो दुकानदार पूछ बैठा- श्रीमानजी, आखिर आपको चाहिए क्या?
मौका।
ग्राहक का सपाट-सा जवाब था।
डॉक्टर साहब, मुझें ये बीमारी लग गई है कि कभी-कभी मैं सोचता हूं कि मैं एक कुत्ता हूं।
मरीज ने डॉक्टर को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा।
क्या मैं पूछ सकता हूं कि ये भयंकर बीमारी भला तुम्हें कब से है? डॉक्टर ने पूछा।
जी बस, तब से डॉक्टर साहब, जब मैं एक पिल्ला था। मरीज ने जवाब दिया।
चूँकि मैं एक पुरुष हू – हँसाने मजेदार चुटकुले
चूँकि मैं एक पुरुष हू। जब मैं अपनी कार की चाबी अपनी कार के अंदर भूल जाता हू तो मैं तुम्हारे इस सुझाव को की हमें तुरंत सर्विस सेंटर वाले को बुला लेना चाहिए। को अनदेखा करते हुवे कपडे सुखाने वाले हेंगर के तार से तब तक कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करता रहूँगा जब तक की दरवाजे का ताला ख़राब ना हो जाए या मै ही पूरी तरह से पस्त ना हो जाऊ या हार जाऊ।
चूँकि मैं एक पुरुष हू। जब मेरी कार ठीक से चालू नहीं होती है तो मैं उसका बोनट उठाकर उसके इंजन में ताक झाक करता हु इसी बिच दूसरा आदमी कही से आता है और वो भी कुछ तार वार छूकर देखता है फिर हममे से एक दूसरे से कहता है – मै इन चीजों को आराम से ठीक कर लेता था। लेकिन आजकल हर चीज कम्पूटराइज़ आ रही है तो ये पता ही नहीं चलता की कहा से शुरू करे। फिर हम दोनों बीयर पीते हुए मकेनिक का इंतजार करते है।
चूँकि मैं एक पुरुष हू। अंतः जब मुझे बुखार आता है तो मै बिस्तर पर कराहते हुवे करवटे बदलते हुवे चीखता चिल्लाता हु की मुझे गर्म चिकन सूप चाहिए।
और मेरी चिंता कोई नहीं कर रहा मै जिस गंभीर तरीके से बीमार पड़ता हु उस तीव्रता से कोई भी बीमार नहीं पड़ता है। अतः मेरा दुःख कोई और जान ही नहीं सकता।
चूँकि मैं एक पुरुष हू अतः घर और ऑफिस का कोई भी उपकरण ख़राब हो जाता है तो मै उसे खोलकर ठीक करने लगता हु।
पुराने अनुभवों के बावजूद की मेरे द्वारा खोले गए उपकरणों को सुधारने के लिए मैकेनिक द्वारा दोगुना चार्ज वसूला जाता है।
चूँकि मैं एक पुरुष हू अतः टीवी देखते हुए टीवी का रिमोट मेरे पास में ही होना चाहिए। अगर रिमोट कही किसी कोने में दब कर मिल नहीं रहा होता है तो मेरा वो जरुरी टीवी शो ख़त्म हो जाता है। जिसकी मुझे तलाश होती है।
चूँकि मैं एक पुरुष हू अतः मैं नहीं समझता की हम कही रास्ता भटक गए है और रूककर किसी से रास्ता पूछने की जरुरत है भी क्या तुम किसी अजनबी, अपरिचित पर भरोसा करोगी? मेरा मतलब है उसे कैसे पता होगा की हमें कहा जाना है।
चूँकि मैं एक पुरुष हू अतः ये बिल्कुल जरुरी नहीं की मै किस समय क्या सोच रहा होता हु। उत्तर हमेसा ही या तो सेक्स होगा या कोई खेल जब तुम कुछ पूछोगी तो मुझे मजबूरन उन मुद्दों से हटकर कुछ अलग सोचना होगा अतः अच्छा यही होगा की मुझसे कुछ पूछो ही ना।
चूँकि मैं एक पुरुष हू मुझसे ये मत पूछो की मुझे ये फिल्म कैसी लगी अगर फिल्म के अंत में तुम्हारी आँखों में आंसू थे तो बिलकुल संभव है की उस फिल्म में मुझे बिलकुल मजा नहीं आया।
चूँकि मैं एक पुरुष हू मैं सोचता हु की जो तुमने अभी पहना है। वो बहुत अच्छा है मेरे विचार में जो ड्रेस तुमने ५ मिनट पहले पहना था वो भी बहुत अच्छा था। तुम्हारे जूतों के दोनों जोड़े अच्छे है तुम्हारी हेयर स्टाइल भी बहुत अच्छी है। तुम बहुत अछि खूबसूरत दिख रही हो – क्या अबे चले चले?
चूँकि मैं एक पुरुष हू और वैसे भी ये इकीसवीं सदी है अतः घरेलु कामो में मैं तुम्हारे साथ बराबर का हाथ बताऊंगा। तुम कपडे धोने , खाना बनाने , घर की साफ़ सफाई के काम निपटाओगी बाकी का सारा काम मैं समाचार पत्र पड़ते हुए निपटाऊंगा।
एक महिला कार चलाना सीख रही थी,
अपने पति से बोली-देखिए, कार का शीशा ठीक से नहीं लगा हुआ है।
क्यों, क्या गड़बड़ है? पति ने पूछा।
इसमें मैं पीछे से आ रहा ट्रैफिक ही देख पाती हूं। अपनी शक्ल तो दिखलाई नहीं पड़ती।
एक महिला ने अपनी सहेली से सवाल किया-पहली नजर के प्रेम को क्या कहोगी तुम?
समय की बचत और क्या सहेली ने बतलाया।
शादी सुदा की परेशानी – हँसाने मजेदार चुटकुले
एक सभागार में अखंड रामायण का पाठ किया जा रहा था। –
शाम का समय था श्रद्वालुओ की भीड़ लगी थी।
और सभागार में पैर रखने की भी जगह नहीं बची थी।
पाठ चल रहा था –
फ़िल्मी धुनों पर रामायण के पाठों के बिच
अचानक बड़ी जबरदस्त गरजना हुई।
और एक चमत्कार हो गया।
एक राक्षस प्रकट हो गया था वहा।
लपलपाती आग उगलती जीब और
खून से सने लम्बे नुकीले दांत उसे भयानक बना रहे थे।
सभागार में भगदड़ मच गयी.
जिसे जैसी जगह दिखी भाग निकला।
सेकंडो में सभागार खाली हो गया।
पुजारी जिनके निर्देशन में पाठ किया जा रहा था भागने वालो में सबसे आगे था।
लेकिन एक आदमी बिना डरे बैठा हुआ था।
राक्षस गरजते हुवे उसके पास आया और तुम जानते नहीं मैं कौन हु।
उस आदमी ने कहा –
हां मै जानता हु तुम एक नर्क के राक्षस हो
राक्षस ने आग उगलते हुवे फिर पूछा – तुम मुझसे डरते क्यों नहीं?
उस आदमी ने कहा – मैं तुमसे भला क्यों डरु
राक्षस का गुस्सा आसमान पर था –
देवता भी तुम्हारी रक्षा नहीं कर पाएंगे मुर्ख –
ये बता तुझे मेरा डर क्यों नहीं
उस आदमी ने उसी शांति से जवाब दिया –
मैं पिछले पच्चीस सालो से शादी सुदा हु।
पति पत्नी जोक्स – हँसाने मजेदार चुटकुले
बाजार से लौटने के बाद रसोई में घुसते ही
रूबी को कुछ जलने की बदबू एवं धुआं ज्ञात पड़ा।
मैं तो तुमसे कह कर गई थी कि रसोई पर निगाह रखना, उसने पति से कहा।
मैंने निगाह रखी थी, पति ने कहा,
परन्तु एक बार जब घुसा तब इतना धुंआ था कि मुझे कुछ दिखाई ही नहीं दिया।
एक महिला अपनी पड़ोसन से अपनी पति की शिकायत करते हुए बोली-मेरे पति मेरी कोई भी बात नहीं मानते।
पड़ोसन मन ही मन प्रसन्न होते हुए बोली-लेकिन मेरे पति तो मेरी दस में से तक़रीबन आठ बातें मान ही लेते हैं।
यह सुनते ही वह महिला तपाक से बोली-बस, सिर्फ दस में से आठ। मेरे पति तो सभी बातें मान लेते हैं।
एक इंसान दुर्घटना में घायल हो गया।
उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
डॉक्टर ने पूछा-तुम कुंवारे हो और शादीशुदा?
जी, हूं तो शादीशुदा।
घायल इंसान ने उत्तर दिया, लेकिन ये मेरी पत्नी की वजह से नहीं हुआ।
दरअसल मैं एक स्कूटर से टकरा गया था।
पति (पत्नी से)-आज तुमने एक किलो सब्जी बनाई है।
अगर ये सब्जी तुमने दोगुनी बनाई होती तो कितना बेहतर होता।
पत्नी (प्रसन्नता से)–क्यों जी, क्या सब्जी अभी इतनी स्वादिष्ट बनी है?
पति-स्वादिष्ट की बात नहीं, इसमें तुमने जितना नमक डाला है,
मैं उसके हिसाब से बता रहा हूं।
एक महाशय की पत्नी सदैव छोटी-छोटी बातों पर जिद किया करती थी।
यदि जिद पूरी न करों तो मायके जाने की धौंस देती थी।
एक दिन पत्नी ने गुस्से में कहा-सुनते हो जी,
मेरे लिए नई साड़ी ला दो, नहीं तो मायके चली जाऊंगी।
जाना है, तो जाओ। मगर मेरे लिए पैंट पीस लाना मत भूलना? पति ने कहा।
पत्नी पति से चिढ़कर चले-जब देखो, सदैव जेब में शराब की बोतल रखे रहते हो।
पति-तू क्या चाहती है कि हर वक़्त मुंह से लगाए रखा करूं।
पति- मैं जासूसी उपन्यास लिख रहा हूं
पत्नी-प्रकाशित कौन करेगा?
पति-यह तो जासूस ही पता लगाएगा।
शादी के सात साल बाद पति-पत्नी का आपस में कोई बात पर झगड़ा हो गया।
पति बोला-शादी के पहले साल में तो तुम चन्द्रमुखी लगती थी,
दूसरे साल सूरजमुखी परन्तु तीसरे साल से तुम ज्वालामुखी नजर आ रही हो।
पत्नी बोली-मेरा भी तुम्हारे बारे में यही विचार है।
पहले साल में तो तुम प्राणनाथ थे,
दूसरे साल नाथ,
मगर तीसरे साल अनाथ नजर आ रहे हैं।
मेरी आय का बहुत बड़ा भाग तो विज्ञापनों में ही खर्च हो जाता है।
लेकिन मैंने तो कभी आपकी किसी चीज का विज्ञापन नहीं देखा?
यह ठीक है, पर मेरी पत्नी तो विज्ञापन पढ़ा करती है।
शादी से पहले लोग क्या करते हैं?
भविष्य के बारे में सोचकर खुश होते हैं।
और शादी के बाद?
अतीत को याद करके रोते हैं।
पति-कल मैंने सपना देखा कि मैं शहद के तालाब में नहा रहा हूं एवं तुम कीचड़ के तालाब में।
पत्नी-मैंने भी यही सपना देखा था, परन्तु नहा कर निकलने के बाद तुम मुझे चाट रहे थे एवं मैं तुम्हें।
पति-बात अविश्वसनीय सही, पर इंकार भी नहीं किया जा सकता।
यूरोप के एक विद्धान ने लिखा है-जो आदमी जितना ज्यादा बेवकूफ होता है,
उसे उतनी की ज्यादा सुंदर पत्नी मिलती है।
पत्नी (खुश होकर)-बस-बस, रहने भी दो, मेरी तारीफ करने के अलावा कभी कोई और भी काम कर लिया करो।
वृद्ध पति-पत्नी की पचासवीं वर्षगांठ थी।
पत्नी-मेरे हाथ पकड़ लो।
पति ने स्नेह से हाथ पकड़ लिए।
पत्नी-मेरा चुम्बन लो।
पति ने मधुरता से चुम्बन लिया।
पत्नी-अब मुझे काटो।
ये सुनकर पति एक ओर जाने लगा।
पत्नी-कहां चल दिए?
पति- बाथरूम से अपने दांतों का सेट लेने।
सबसे मजेदार चुटकुले
एक युवक दुर्घटना में घायल हो गया।
अस्पताल में उसे होश आया तो वह बोल नहीं पा रहा था।
ये जानने के लिए कि ये दुर्घटना कब एवं कहां हुई,
उसने एक कागज पऱ लिखा-कब एवं कहां? एवं नर्स की ओर बढ़ा दिया।
ये सोचकर कि मरीज उससे कहीं और मिलना चाहता हैं।
नर्स ने कागज पर शादीशुदा लिखा एवं लौटा दिया।
प्रेमिका ने नाराज होते हुए कहा-मुझे इतना मत सताया करो,
नहीं तो शादी के बाद मैं गिन-गिनकर बदला लूंगी।
प्रेमी ने चट चुटकी ली-किससे? तुम्हारी भी शादी तय हो गई है क्या?
रोगी को देखकर डॉक्टर बोला-दमा लगता है।
रोगी ने जवाब दिया-जी हां, मुझे सांस लेने में बड़ी तकलीफ होती है।
डॉक्टर-कोई चिन्ता नहीं! हम उसे रोक देंगे।
एक बार एक इंसान मंदिर से दर्शन कर लौट रहा था।
एक हट्टे-कट्टे साधु ने उससे भीख मांगी तो उसने झल्लाकर कहा-
भीख क्यों मांगता-फिरता है? मेहनत क्यों नहीं करता?
साधु भी अकड़कर बोला-क्यों, कभी तुमने भीख मांगी है?
नहीं।
तो तुम्हें क्या ज्ञात कि मेहनत किसे कहते हैं?
पुलिस अफसर ने एक अभियुक्त से पूछा-क्या आप लिख-पढ़ सकते हो?
अथियुक्त ने जवाब दिया-हुजूर, लिख तो सकता हूं, पर पढ़ नहीं सकता।
अच्छा।
कागज पर खुद का नाम लिखो। पुलिस अफसर ने कहा।
अभियुक्त ने कागज उठाकर उस पर टेढ़ी-मेढ़ी लकीरें खींच दी, एवं कागज वापस कर दिया।
यह तुमने क्या लिखा है? झुंझलाकर पुलिस अफसर ने कहा।
साहब, मैंने पहले ही कह दिया कि मैँ लिख सकता हूं, पढ़ नहीं सकता। अभियुक्त ने जवाब दिया।
एक हाथी ने एक चूहे को देखकर कहा-अपनी जिन्दगी में मैंने इतना दुर्बल एवं बारीक-सा जीव नहीं देखा।
चूहे को बहुत बुरा लगा। ताव खाकर उसने कहा-तुम्हारा ख्याल अनुचित है।
मैं सदैव ऐसा नहीं था। वह तो जरा हफ्ते भर से बीमार हूं।
भारत में सब चीजो का भाव बढ़ रहा है।
सबसे ज्यादा दाम तो भाईचारे के बढ़ गए है,जो कोई मोल नहीं मिलता।
राजनीतिक पार्टियों को धन्यवाद।
जिन्होंने सिखाया कि किसी पर विस्वास न करों, सब तुम्हारे दुश्मन हैं।
अवसर मिले तो अपना भला करों नहीं तो पछताओगे।
अपने हट्टे-कट्टे पड़ोसी को देख एक सज्जन पूछ ही बैठे-आप खुद स्वास्थ्य की रक्षा किस तरह करते हैं?
यह तो साधारण-सी बात है। सवेरे सूरज की प्रथम किरण कमरे में पड़ते ही मैं खड़े हो जाता हूं।
और क्या तुम ऐसा नहीं करते? पड़ोसी ने पूछा।
करता तो मैं भी ऐसा ही हूं, पर मेरे कमरे की वातायन पश्चिम की ओर खूलती है।
एक पुजारी और एक पादरी की कारे आपस में भीड़ गयी।
और जोरदार से भिड़ी दोनों ही कारे बुरी तरह से टूट फुट गयी।
परन्तु उतने ही आश्चर्य जनक रूप से ना तो पुजारी और ना पादरी को कोई खास चोटे आयी।
जब वे दोनों अपनी अपनी कारो से बाहर निकले तो पुजारी ने पादरी के लिबास को देखा और कहा –
तो तुम पादरी हो व्हा मै भी पुजारी हु हमारी कारे कैसी टूट फुट गयी है।
परन्तु सौभाग्य से हमें कोई खास चोटे नहीं पहुंची ये ईस्वर की बड़ी कृपा है
और उसका ये सन्देश हम दोनों के लिए है की हम आपस में दोस्त बन जाए।
और प्यार और शांति से बाकी की जिंदगी साथ साथ गुजारे।
पादरी ने कहा –
हां मै तुम्हारी बातो से पूरी तरह सहमत हु।
ये तो ईश्वरीय इच्छा ही लगती है।
पादरी ने आगे कहा –
और जरा इसे देखो एक और चमत्कार, मेरी कार पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है।
परन्तु ये ब्लैक लेबल विस्की की बोतल पूरी तरह ठीक ठाक है।
इसमें एक खरोंच भी नहीं आयी है।
अवस्य ही ईस्वर चाहता है की हम अपनी इस नयी दोस्ती का जश्न विस्की पीकर मनाये।
फिर उसने बोतल खोली और पुजारी की तरफ बड़ाई।
पुजारी जी ने हाथ जोड़ लिए और कहा –
मैंने जिंदगी में कभी भी शाकाहार और दूध घी के अलावा कुछ नहीं खाया पीया।
मेरा धर्म भ्रस्ट मत करो।
परन्तु पादरी ने पुजारी को फिर समझाया –
देखो अगर तुम ईश्वरिय सन्देश को नहीं मानोगे तो भगवान को अप्रसन कर दोगे।
आखिर पुजारी को लगा की सच में इस्वर की कृपा से उसका पुनर्जन्म हुआ है।
और पादरी की बातो में दम है।
उसने बोतल ली और शराब की एक घूंट भरी
मुँह कड़वा हो गया जैसे तैसे एक घुंट लिया और बोतल वापस कर दी।
पादरी ने कहा –
देखो चूँकि तुमने पहला घूंट भरा है।
अब इस बोतल का आधा हिस्सा प्रसाद के रूप में तुम प्राप्त करो।
बाकी का हिस्सा मैं पी लूंगा।
इसी तरह पुजारी ने दूसरा घूंट भरा।
तीसरा घूंट भरते तक उसे आंनद आने लगा।
देखते ही देखते सिर्फ 2 घूंट शराब बाकी बची थी।
पुजारी बोला –
अरे मैंने सारा प्रसाद अकेले ले लिया।
ईश्वर बड़ा नाराज होगा।
ये 2 घूंट बचे है इसके तुम भी ये प्रसाद जरूर लो।
पादरी ने बोतल पुजारी के हाथो से ली –
और उसका ढक्कन बंद करते हुवे बोला –
हां अभी लेता हु प्रशाद जरा पॉलिश को तो आ जाने दो।
हँसाने मजेदार चुटकुले