इंडिया गेट का इतिहास

Share This Page

इंडिया गेट का इतिहास | India gate history in hindi: इंडिया की राजधानी दिल्ली में बसा हुआ India गेट जिसका एक नाम अखिल भारतीय युद्ध स्मारक (All India War Memorial) देश का सबसे बड़ा युद्ध स्मारक है। ये युद्ध स्मारक ही नहीं परन्तु प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए इंडिया के वीर जवानों के बलिदान या उनकी वीरता को सदैव याद रखने का एक तीर्थ स्थल भी है।

इस स्मारक को देश की सबसे खास या ख़ास धरोहर में शामिल किया जाता है। वही उसके नीचे एक ओर स्मारक अमर जवान ज्योति जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों को समर्पित है। ये दोनों ऐतिहासिक युद्ध स्मारक शहीद हुए जवानों के सम्मान या उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए गए थे।

Table of Contents

इंडिया गेट का इतिहास

इस राष्ट्रीय स्मारक के चारों तरफ हरे-भरे बाग फूल या फव्वारे बने हुए हैं। जो इसे या भी सुन्दर बनाते हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। इस कारण से ये दिल्ली में पर्यटकों द्वारा देखे जाने वाला सबसे लोकप्रिय स्थान है। यहां हर प्रतिदिन हजारों जनता देश-विदेश से घूमने आते हैं या हर वक़्त एक उत्सव जैसा माहौल बना रहता है जो लोगों को ओर भी आकर्षित करता है। शाम के वक़्त यहां अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है।

इंडिया गेट का इतिहास – India Gate History in Hindi

दोस्तो भारत (इंडिया) गेट का शुरुआती नाम All India War Memorial था जो आजादी के बाद इसका नाम बदलकर भारत (इंडिया) गेट कर दिया गया था।
इस सुन्दर स्मारक की नीव (शुरुआत करी) ब्रिटेन के ड्यूक ऑफ कनाट Duke of Connaught ने सन 1930 में रखी थी।

ड्यूक ऑफ़ कनाट ब्रिटेन के शाही फॅमिली से थे। आपको जानकर ताज्जुब होगी कि उनके नाम पर ही दिल्ली के दिल कहे जाने वाले Connaught place का नाम भी रखा गया था। इस स्मारक के रचना में पूरे 10 साल लगे थे या 12 फरवरी 1931 को लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन किया था।

इंडिया गेट किसने बनवाया था — Who built the India Gate

इंडिया गेट पेरिस के जाने माने वास्तुकार एडविन लुटियन्स ( Edwin Lutyens) द्वारा बनवाया गया था।

इंडिया गेट क्यों बनाया गया था – Why was India Gate built in Hindi

प्रथम विश्व युद्ध या तीसरे एंगलो अफगान युद्ध में मारे गए भारतीय सैनिकों की याद में ये युद्ध स्मारक बनवाया गया था। इस युद्ध में ब्रिटिश की ओर से लड़े 85000 भारतीय सैनिक मारे गए थे। इन सभी शहीद सैनिकों के नाम भारत गेट पर लिखे है। जिसमे मारे गए 2000 ब्रिटिश सैनिक या सैन्य अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं।

India Gate Architecture & Design – डिजाइन या वास्तुकला

इंडिया गेट का डिजाइन पेरिस में बसा हुआ आर्क डे ट्रॉयम्फ़ (Arce Triomphe) की तर्ज पर महान Architecture एडविन लुटियन्स द्वारा तैयार किया गया था। इस भव्य स्मारक की ऊंचाई 42 मीटर है या इसे बनाने में लाल एवं पीले पत्थरों सेंड स्टोन या ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है।

जो भरतपुर से लाए गए थे Edwin Lutyens 20वी सदी के महान वास्तुकार थे। उन्होंने लंदन या यूरोपीय देशों के कई ऐतिहासिक स्मारक बनाए थे। उन्हीं के नाम पर ही दिल्ली का एक स्थान लुटियंस दिल्ली Lutyens’ Delhi के नाम से ही जाना जाता है।

Interesting Facts about India gate in Hindi in Points – भारत गेट से के बारे में रोचक तथ्य

इंडिया गेट का रचना युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान व उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बनवाया गया था।

इंडिया गेट का डिजाइन पेरिस में बसा हुआ आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से प्रेरित है।

इस युद्ध स्मारक का नाम आजादी से पहले ऑल भारत मेमोरियल था परन्तु बाद में इसका नाम भारत गेट कर दिया गया।

इस राष्ट्र स्मारक की दीवारों पर भारतीय सैनिकों के अलावा 13000 ब्रिटिश सैनिकों या अधिकारियों के नाम अंकित है।

इंडिया गेट को बनाने में इस्तेमाल पत्थरो को भरतपुर से लाया गया था।

भारत गेट बनाने से पूर्व यहां से दिल्ली से आगरा से होने वाली रेलवे लाइन जाती थी। उस वक़्त दिल्ली का एकमात्र स्टेशन पुरानी दिल्ली हुआ करता था पर 1920 में इस रेलवे लाइन को हटाकर यमुना तक कर दिया गया था कि भारत गेट का रचना कार्य आरंभ हो सके।

आपको पता होना चाहिए कि 1921 में भारत गेट की नींव रखने वाले ड्यूक ऑफ़ कनॉट के नाम पर ही दिल्ली के कनॉट प्लेस का नाम रखा गया था।

इंडिया गेट का डिजाइन बीसवीं सदी के महान वास्तुकार आर्किटेक्चर एडमिन लुटियंस ने किया था एडविन लुटियंस के नाम पर ही दिल्ली का एक इलाका लुटियंस दिल्ली के नाम से जाना जाता है।

इस युद्ध स्मारक के सामने स्थापित खाली छतरी में पहले जॉर्ज पंचम की प्रतिमा रखी थी परन्तु बाद में इसे वहां से हटा दिया गया।

इस युद्ध स्मारक के तल पर अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा की गई थी जिसमें 365 दिन या 24 घंटे शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में 1 किलो जलती रहती है।

इस राष्ट्र स्मारक पर हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर विशाल परेड का आयोजन किया जाता है जो राष्ट्रपति भवन से लेकर भारत गेट से होते हुए जाती है।

इंडिया गेट के पीछे खाली छतरी किसका प्रतीक है?

इंडिया गेट से निकट 150 मीटर की दूरी पर एक छतरी जैसी खाली Canopy देखी जा सकती है। इस खाली Canopy के नीचे एक वक़्त ब्रिटिश सम्राट जार्ज पंचम की मूर्ति रखी रहती थी। परन्तु आजादी के बाद जार्ज पंचम की मूर्ति को हटाकर कोरोनेशन पार्क में रख दिया गया था। अब ये खाली पड़ी छतरी अंग्रेजों के इंडिया छोड़ने का प्रतीक है।

How to Reach India Gate in Hindi – भारत गेट कैसे पहुंचा जाए

इंडिया गेट दिल्ली के सभी मुख्य मार्गों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली के कोई भी भाग से बस, टैक्सी और मेट्रो द्वारा सरलता पूर्वक भारत गेट आया जा सकता है। भारत गेट का सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन Central Secretariat है। स्टेशन के बाहर निकलने के बाद पर्यटक अपनी इच्छा मुताबिक पैदल चलकर और ऑटो से भारत गेट पहुंच सकते हैं। Central Secretariat स्टेशन से भारत गेट की दूरी 2.3 किलोमीटर है।

दिल्ली में मुख्य दो रेलवे स्टेशन है पुरानी दिल्ली या नई दिल्ली इन दोनों स्टेशनों से ही भारत गेट जाने के लिए सभी तरह के साधन डीटीसी बस, ऑटो इत्यादि उपलब्ध रहते हैं इसके अलावा न्यू दिल्ली स्टेशन से तुम मेट्रो के द्वारा भारत गेट जाना सबसे बेहतर या आरामदायक विकल्प चुन सकते हैं।

India Gate Opening & closing time – भारत गेट के खुलने या बंद होने का समय क्या है?

यूं तो स्मारक 24 घंटे या 7 दिन प्रयटकों के लिए खुला रहता है पर अंधेरा होते ही मुख्य स्मारक के आसपास के एरिया को सामान्य लोगों के लिए बंद कर दिया जाता है।

Best Timing to visit india gate in Hindi – भारत गेट पर घूमने का बेहतर समय क्या है?

यूं तो भारत गेट कोई भी वक़्त जाया जा सकता है पर मौसम के हिसाब से भारत गेट जाना सबसे अनुकूल वक़्त फरवरी से अप्रैल या अगस्त से नवंबर का महीना बेहतरीन रहता है क्योंकि इस वक़्त दिल्ली में ना ज्यादा गर्मी या ना ज्यादा सर्दी होती है इस मौसम में तुम अच्छे से Enjoy भी कर सकते हैं।

History about Amar Jawan Jyoti in Hindi – अमर जवान ज्योति का इतिहास क्या है?

इंडिया गेट स्मारक के नीचे 1971 में अमर जवान ज्योति का रचना किया गया था। इसका रचना इंडिया पाक युद्ध में मारे गए वीर सिपाहियों को सम्मान देने के लिए बनाया गया था। काले संगमरमर पत्थरों से बने स्मारक पर बड़े अक्षरों में अमर जवान ज्योति लिखा हुआ है वा इसके ऊपर जवान की राइफल या इसके शीर्ष पर कोई जवान की टोपी भी रखी हुई है। जो सदैव जवानों के बलिदान या त्याग की याद दिलाते रहते हैं।

स्मारक का उद्घाटन 26 जनवरी 1972 में इंडिया की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था। या उन्होंने सर्वोत्तम अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करी थी या तब से लेकर अभी तक हर साल गणतंत्र एवं स्वतंत्र दिवस पर देश के प्रधानमंत्री या तीनों सेनाओं के प्रमुख अध्यक्ष वा सभी बड़े मंत्रियों द्वारा यहां पुष्प चढ़ाकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

ज्योति (लौ) को 24 घंटे जलाने के लिए गैस का इस्तेमाल?

अमर जवान ज्योति के चारों कोनों पर लौ को बनाया गया है। जिसमें से एक लौ 24 घंटे जलती रहती है या बाकी तीन को केवल हर साल राष्ट्रीय पर्वों के दिन ही जलाया जाता है।

1972 से 2006 तक इस लौ को जलाने में LPG Gas का इस्तेमाल किया जाता था। परन्तु 2006 में इस को जलाने के लिए CNG Gas का इस्तमाल किया जा रहा है। इस स्मारक की सुरक्षा के लिए यहां दिन-रात थल, वायु या पानी सेना के जवान तैनात रहते हैं। इसलिए कि जवानों के बलिदान या त्याग की निशानी इस राष्ट्र स्मारक को कोई भी तरह की किसी क्षति न पहुंच सकें।

Places to visit near India Gate in Hindi – भारत गेट के पास नजदीक का आकर्षण

इंडिया गेट से कुछ दुरी निकट 4 मिनट के अंतराल में भारतीय सशत्र बलों के सम्मान में 40 एकड़ में बना राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) भी बनाया गया है। ये सुन्दर विशाल स्मारक आजादी के बाद शहीद हुए जावानो जैसे भारत-चीन युद्ध , 1979 ,1965 या 1971 भरा -पाक युद्ध या कारगिल युद्ध में शहीद हुए निकट 25000 सेनिको के नाम इस war memorial में अंकित किये हुए है।

राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (National Gallery of Modern Art) : इंडिया की समकालीन या आधुनिक कला को प्रदर्शित करता है। भारत गेट से महज 12 मिनट की दूरी पर बसा हुआ ये सुंदर या मनमोहक आर्ट गैलरी जहां भारतीय कलाकृतियों या अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के चित्रों या मूर्तियों का अद्भुत संग्रह है।

राष्ट्रपति भवन : भारत गेट से इस भवन तक पहुंचने में 22 मिनट का वक़्त लगता है। राष्ट्रपति भवन 1912 में ब्रिटिश शासन काल में निर्मित एक भव्य ईमारत है। इस विशाल भवन में 360 कमरे एक बड़ा हॉल या स्टाफ कवाटर भी है। शयद ही संसार में कोई अधिकारी का इतना बड़ा निवास स्थान हो।

लोधी उद्यान (Lodhi Garden) : भारत गेट से लोधी गार्डन की दूरी 2KM है। 90 एकड़ में फैला ये पार्क बहुत अधिक सुन्दर या मौन वातावरण मन को सुकून या शान्ति देता है। इस विशाल उद्यान में कई प्राचीन किले, फूल-पौधे के बगीचे, पक्षी या एक बड़ा तलाब इत्यादि मन को आनंदित करते है।

गुरुद्वारा बंगला साहिब : भारत गेट से 2.5km की दूरी पर बसा हुआ बहुत अधिक सुंदर बांग्ला साहिब गुरुद्वारा आध्यात्मिक या धार्मिक स्थल है। इस पवित्र गुरूद्वारे के अंदर मौन वातावरण या मधुर गुरुवाड़ी इंसानो को अपनी या आकर्षित करती है।

जनपथ मार्किट: भारत गेट से 2 कम की दूरी पर बसा हुआ जनपथ मार्किट दिल्ली के सबसे जाने माने या लोकप्रिय बाजारों में से एक है। ये बाजार ओर बाजारों की तुलना में बहुत अधिक मनोहरी या मजेदार मान जाता है, इस कारण से भी इस बाजार में एक बार बहुत जरुरी जाया जा सकता है।

आशा करते आपको ये पोस्ट “India gate history in hindi – भारत गेट का इतिहास” पक्का पसंद आई होगी या शेयर भी जरुर करे।

यदि कोई रीडर को इस पोस्ट में किसी गलती और कुछ सुझाव देना चाहते है तो कृपा नीचे कमेंट कर जरुर बताये।

इंडिया गेट का इतिहास

Leave a Comment