दस्त का घरेलू इलाज | दस्त (अतिसार) का कारण, लक्षण, घरेलू इलाज: जब खाया हुआ खाना बिना पचे और आधी पची हुई अवस्था में खाने के छह-सात घंटे के अंदर ही वेग के साथ, पतले मल के रूप में निकलने लगे, तो ऐसी अवस्था दस्त और अतिसार कहलाती है।
दस्त के कारण
दस्त (अतिसार) रोग में खाना के सूक्ष्म अंशों युक्त द्रव को ग्रहण करने की आंत की शक्ति बहुत घट जाती है।
जिन बच्चों को शुरुआत से ही अपनी मां का दूध नहीं मिलता है, वे बच्चे भी अतिसार या दस्त से पीड़ित रहते हैं।
बासी, बिना ढका हुआ, ख़ट्टा हो चुका खाना (विशेषकर बरसात और गर्मी के मौसम में) करने से दस्त (अतिसार) रोग होता है, क्योंकि ऐसा खाना जीवाणुओं के सम्पनों से अम्ल युक्त हो जाता है।
दस्त के लक्षण
पेट से गुड़गुड़ाहट, दुर्गन्धयुक्त और पतले मल का बार-बार आना ही दस्त (अतिसार) रोग के लक्षण हैं।
दस्त का घरेलू इलाज
- एक चम्मच अदरक का रस, आधी कटोरी उबले हुए गर्म जल में मिलाकर एक-एक घंटे के अंतर से घूंट-घूंट कर पीते रहें। दो-तीन खुराक में ही आराम हो जाएगा।
- बेलगिरी का गूदा एक भाग, सूखा धनिया एक भाग एवं मिसरी दो भाग पीसकर रख लें। 1 चम्मच चूर्ण दिन में तीन बार दें।
- कच्चे या ताजे बिना उबाले हुवे दूध में नीबू को निचोड़ कर पिलाने से दस्तों (लूस मोशन) में तुरंत आराम मिलता है।
- भुनी हुई फिटकिरी एक भाग, दालचीनी दो भाग और कत्था दो भाग मिलाकर पीस लें। आधे चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार दें।
- धनिया 1 भाग, जीरा 1 भाग, आंवले का चूर्ण 2 भाग मिलाकर जल में चटनी की तरह पीस लें। इस चटनी में स्वाद के मुताबिक सेंधानमक मिलाकर चार-चार घंटे के अंतर से रोगी को चटाएं।
- सूखी बेलगिरी का गूदा, ईसबगोल, सौंप एवं शक्कर बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर रख लें। एक-एक चम्मच मिश्रण दिन में तीन बार उबाल कर ठंडे किए हुए जल से दें।
- प्याज को कूटकर ताजी दही में मिलाकर खिलाएं।
- सफेद जीरा और सौंफ बराबर मात्रा में लेकर तवे पर भूनकर पीस लें। ये चूर्ण ताजे दही में मिलाकर देने से अतिसार में तुरंत लाभ होता है।
- मीठे नीम के 20 पत्तों का रस एक चम्मच शहद में मिलाकर लें।
- खाना खाने के बाद छिलका उतारा हुआ सेब खाएं।
- रोगी को हर दो घंटे बाद एक-एक कटोरी घिया का रायता पिलाएं।
दस्त की आयुर्वेदिक दवा (औषधियां)
रामबाण रस, भुवनेश्वर रस, कर्पूर वटी, बिल्वादि चूर्ण, कुटजघनवटी, चातुर्भद्र चूर्ण आदि।
दस्त की पेटेंट दवा (औषधियां)
एमाइडो फोर्ट सीरप और गोलियां (एमिल),अतिसार निरोधी वटी (ऊंझा),चन्द्रकला वटी (धूतपापेश्वर), सनडेस्टो गोलियां (संजीवन), दीपन गोलियां (चरक), डायाडीन शरबत (चरक), डायारैक्स गोलियां (हिमालय) भी अतिसार में लाभदायक हैं।
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