Best friend jokes in hindi | दोस्त चुटकुले: दोस्तों चुटकुले पढ़ने का आजकल वक्त किसके पास है? यह अच्छा भी है, सब अपनी अपनी लाइफ में मस्त है। लेकिन जीवन में कई क्षण ऐसे भी आते हैं जो बहुत मुश्किल से कटते है। जैसे रेल या बस का सफर हो गया या घर पर अकेले बैठे हो।
उस वक्त बेस्ट फ्रेंड जोक्स आपको जरूर पसंद आएंगे। क्युकी दोस्ती के चुटकुले ही सबसे मजेदार और शानदार होते है। दोस्ती चुटकुले आपकी रोजमर्रा की उबाऊ जिन्दगी के बोझल पल को दूर कर देंगे,
जब दिन-भर की परेशानियां रात की नींद भगा डालती हैं। तब दोस्तों एक बार ये चुटकुले पढ़ लिया करे आपको बहुत मजा आएगा।
1000 मजेदार चुटकुले | हँसाने मजेदार चुटकुले
Best friend jokes in hindi | दोस्त चुटकुले
चुटकुले व्यक्ति के उन क्षणों की यादें हैं जब वह बेवकूफियां करता है, जाने में और अनजाने में भी। यह बेवकूफियां सभी करते हैं, तभी तो चुटकुलों का भंडार बढ़ता जाता है।
नवविवाहित युवक – यार एक बहुत बड़ी मुसीबत है, आज तक हमें रहने के लिए कही पर भी जगह नहीं मिल पाई है।
मित्र – तो आप अपने ससुराल में क्यों नहीं रहते है, उनके पास तो एक बहुत बड़ा मकान है।
नवविवाहित युवक – भई, मेरे ससुर तो खुद अपने ही ससुर के मकान में रहते हैं।
दो दोस्त रास्ते में खड़े-खड़े बाते कर रहे थे,
तभी सामने से दो खूबसूरत युवतियां आती हुई दिखाई दी।
एक ने कहा-गजब हो गया – मेरी पत्नी एवं प्रेमिका दोनों साथ-साथ आ रही हैं।
दूसरा बोल उठा – कितनी अजीब बात है, मैं भी यही कहने वाला था।
दो कर्मचारी लंच की छुट्टी में एक कागज लिए बैठे थे।
उनमें से एक ने कान में रुई ठूंस रखी थी।
नजदीक से गुजरते हुए एक साथी ने पूछा-तुम्हारे कान को क्या हुआ?
बात ये है, ये मेरा दोस्त अनपढ़ है।
तो?
इसकी पत्नी ने चिट्ठी लिखी है एवं वह मुझसे पढ़वा रहा है।
फिर?
यह नहीं चाहता कि मैं इसकी पत्नी की चिट्ठी सुनूं।
100 हिन्दी चुटकुले | सबसे मजेदार चुटकुले
सवाल : पता है की निसार भाई कैसे पैदा हुए ?
सवाल : नहीं ना ?
(ठीक है मै बताती हु)
जवाब : जवानी जानेमन, हसीन दिलरुबा
मिले दो दिल जवां।
निसार हो गया।😜😜
व्यक्ति (एक खेत के पास कार रोककर ) – वह सामने मूलियों के खेत में से मूली तोड़ लाओ।
मित्र खेत में गया – और मूली तोड़ लाया।
व्यक्ति – अब सामने वाले दुकानदार से चाकू लेकर इसे छील लो।
मित्र ने मूली छील ली।
व्यक्ति – अब इसके दो हिस्से करो,
एक मुझे दे दो एवं एक अपने खा लो। एवं हां,
मेरे साथ रहोगे तो इसी तरह ऐश करते रहोगे।
तुम्हारे पिताजी ने मरने वक़्त कुछ कहा था।
एक मित्र ने दूसरे से पूछा।
नहीं, मां उनके सिर पर खड़ी रहीं थी,
इस कारण से वह मुंह से एक शब्द भी न निकाल सके।
कम्पनी के बॅास ने अपनी सेक्रेटरी को बुलाया।
आज शाम को आप कुछ कर रही हो।’
बॉस ने पूछा।
‘जी नहीं’, मन ही मन खुश होती हुई वह इठलाकर बोली।
शायद कहीं कोई के साथ तफरी के लिए जाना हो?
‘जी नहीं, मैं बिल्कुल खाली हूं।
तो फिर अभी घर जाकर सिग्रता से सो जाना इसलिए
कि सुबह वक्त पर ऑफिस पहुंच सको
प्रतिदिन लेट आती हो।
Jokes in hindi for kids | बच्चों के लिए चुटकुले
एक शराबी ज्यों ही सवेरे उठकर अखबार पढ़ने लगा
तो उसमें प्रथम लेख था-
शराब की बुराइयां।
उसने लेख पढ़ा एवं अखबार को रखते हुए बोला-
बस,
अभी से बन्द।
उनकी पत्नी ने पूछा-
क्या अभी से शराब पीना बन्द?
शराब नहीं, अखबार लेना बन्द।
शराबी ने जवाब दिया।
रोगी-डॉक्टर साहब, साफ-साफ बताइए,
मुझे क्या रोग है?
डॉक्टर-देखिए, तुम बहुत खाते हो,
बहुत शराब पीते हो
एवं बहुत अधिक आलसी हो।
रोगी-धन्यवाद,
कृपया यह बातें तुम एक कागज पर लैटिन भाषा में लिख दो।
तब मैं ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टी ले सकूंगा।
पति-पत्नी सिनेमा देखने गए।
पति ने रास्ते में एक पान खरीद लिया एवं
जब वे हॅाल के अंदर घुसने लगे तो पान पत्नी को दे दिया।
क्या तुमने खुद के लिए पान नहीं खरीदा।
पत्नी के स्वर में आश्चर्य था।
नहीं, क्योंकि मैं तो बिना पान मुंह में रखे भी खामोश बैठा रहूंगा।
पत्नी (पति से)-आप मुझे मेरा नाम लेकर मत पुकारा करें,
इससे बच्चे भी मेरा नाम लेकर पुकारते हैं।
पति (झुंझलाकर)-तो क्या मैं भी तुम्हें बच्चों की तरह मम्मी कह कर पुकारूँ?
एक साहब एक आलीशान होटल में पहुंचे।
बैरे को उन्होंने बीस रुपये का नोट दिया एवं कहा-यह तुम्हारा इनाम है।
बैरे ने खुश होकर पूछा-यह किसलिए?
साहब ने कहा-ये रुपये मैंने इस कारण से दिए हैं
कि शाम को जब मैं अपनी बीबी को यहां लेकर आऊं तो आप कहना कि कोई भी टेबल खाली नहीं है,
इसलिए कि मैं उसे किमी सस्ते होटल में ले जाऊं, समझे।
अध्यापक-ईश्वर ने आंखे किसलिए बनाई हैं?
छात्र-जी, देखने के लिए।
अध्यापक-और कान?
छात्र-जी, मुर्गा बनने के लिए।
एक नवयुवक ने अपने किसी मित्र से पूछा-भई,
तुमने इतनी धनी औरत को तुम्हारे साथ शादी करने के लिए किस तरह राजी कर लिया?
बड़ी आसानी से, मैंने उसके चालीसवें जन्मदिन पर उसे बीस गुलाब पेश किए।
एक लड़की ने अपनी सहेली को बताया,-जब से मेरी शादी हुई है,
रमेश ने एक बार भी मुझे प्रेम नहीं किया।
अच्छा! बड़े अजीब आदमी हैं तुम्हारे पति – सहेली बोली।
सहेली का उत्तर सुनकर वो लड़की बात स्पष्ट करते हुए बोली-अरे बाबा, मेरी शादी रमेश से नहीं हुई है।
एक पार्टी में एक महाशय ने खुद के नजदीक खड़े इंसान से कहा-कैसा जमाना आ गया है?
इस सामने बैठे हुए लड़के को देखिए, कैसा लिबास पहन रखा है।
आपको दिखाई दे रहा है?
दूसरे ने कहा-‘महाशय
ये मेरी लड़की है, लड़का नहीं।
महाशय ने गलती पर माफी मांगते हुए कहा-माफ कीजिएगा, मुझे ज्ञात नहीं था कि तुम उसके पिता हो।
मैं पिता नहीं, उसकी मां हूं।
दूसरे ने झल्लाते हुए उत्तर दिया-आपको औरत-मर्द की ज़रा भी पहचान नहीं है।
हंसी के चुटकुले हिंदी में | Hansi majak ke chutkule
तीन मूर्ख ट्रेन से यात्रा कर रहे थे।
अचानक किसी यात्री ने चेन खींच दी।
गाड़ी रूकी तो प्रथम मूर्ख बोला-यार, लगता है गाड़ी में पंक्चर हो गया है।
दूसरा-गाड़ी का टायर फट हो गया है।
तीसरा मूर्ख बोला-मैं नीचे उतरकर देखता हूं।
उसने देखा एवं आश्चर्य से बोला-अरे यार, गाड़ी के पहियों में से टायर ही निकलकर भाग गए।
मरीज: नर्स एक मिनट के लिए इधर आना।
नर्स: मेरी तरक्की हो गई है। मैं नर्स से सिस्टर बन गई हूं।
इस कारण से मुझे सिस्टर कहा करो।
मरीज: ऐसा मुझसे नहीं होगा।
नर्स: क्यों नहीं होगा? मेरी तरक्की हुई है।
आपको खुशी होनी चाहिए।
मरीज: कहीं अगली तरक्की में आप मदर हो गई तो?
इनक्वायरी ऑफिस में कई बार फोन करने पर भी जब ठीक उत्तर नहीं मिला
तो फोन करने वाले ने चीखकर कहा: समझ में नहीं आता कि मेरा दिमाग खराब है और आपका।
इस इनक्वायरी का उत्तर देने को हमारे यहा किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं है, उधर से फौरन उत्तर मिला।
घर में एक युवक बिजली का काम कर रहा था।
घर में मौजूद महिला उससे बोली: मैं तुम्हें चेतावनी दे रही हूं, एक घंटे में मेरा पति आ जाएगा।
लेकिन मैडम, मैं तो कुछ भी नहीं कर रहा हूं। युवक घबराकर बोला।
इसीलिए, मैं तुम्हें चेतावनी दे रहीं हूं।
मैं रवि से विवाह नहीं करूंगी मां – बेटी ने कहा।
क्यों? मां ने सवाल किया।
उसे तो स्वर्ग-नर्क में आस्था ही नहीं है – बेटी ने बताया।
बेटी, आप पहले उससे शादी करों, आस्था उसे अपने आप ही हो जाएगी।
भाषण के बीच में नेता कहने लगा-भाइयों!
मैं जुबान का पूरा पक्का हूं, और दिल का भी बिलकुल साफ हूं?
यह सुनकर एक क्ष्रोता ने चुटकी ली-और दिमाग के भी।
दो कंजूस दोस्त काफी वक़्त पश्चात् मिले तो एक ने कहा
मिलन की खुशी में एक-एक जाम हो जाए।
दूसरा बोल-अवश्य हो जाए, परन्तु बिल तुम्हें देना होगा।
याद है पिछली बार मैंने पिलाई थी।
पति पहली बार अपने ससुराल गया था।
अपनी पत्नी के साथ वह जिस कमरे में था, उसके पास वाले कमरे से घंटे की आवाज आ रही थी।
पहले दस बजने की आवाज आई, फिर ग्यारह बजने की एवं फिर सिग्रता से ही बारह बजने की।
पति ने कहा-तुम्हारे साथ होता हूं, तो वक़्त कितनी सिग्रता से बीत जाता है।
पागल मत बनो – पिताजी अपने कमरे की घड़ी ठीक कर रहे हैं।
एक दिन पीरियड शुरू होने से पहले आ जाने के कारण अध्यापक अपने बैग को क्लास रूम में रखा एवं कॉफी पीने चले गए।
पीरियड शुरू होने के पांच मिनट बाद तक लड़कों ने उनका इंतज़ार किया।
फिर वे भी क्लास से बाहर चले गए।
अगले दिन अध्यापक ने अच्छी तरह सबका समाचार लीया।
उन्होंने कहा – आप लोगों को ये पता होना चाहिए कि क्लास में मेरा बैग पड़ा है, तो मतलब है कि मैं क्लास में मौजूद हूं।
अगले दिन जब अध्यापक क्लास में आए तो देखा कि क्लास में कोई भी लड़का मौजूद नहीं था, अलबता हर डेस्क पर बस्ता रखा था।
मैनेजर (नई सेक्रेटरी से) – तुम्हारा वेतन अत्यन्त गोपनीय है। तुम अपने साथियों को कभी मत बताना।
जैसी आपकी आज्ञा, सर।
हकीकत में तो वेतन के लिए मैं भी उतनी ही लज्जित हूं, जितने कि आप।
मजेदार दोस्ती चुटकुले
एक इंसान ने अपने मित्र से कहा – दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है
जो अपनी मूर्खता पर भी जश्न मनाते हैं।
मित्र ने पूछा – वह कैसे?
मैं तुम्हारी बात समझ नहीं पाया।
वह इंसान समझाते हुए बोला – सीधी-सी बात है,
लोग पहले तो शादी करते हैं एवं फिर वर्षगांठ भी मनाते हैं।
एक खबर पत्र में एक विज्ञापन छपा था –
एक विशाल प्रसूति गृह को रख-रखाव इंजीनियर की आवश्यकता है।
प्रसव का अनुभव अनिवार्य।
दो कवयित्रियों की नई-नई शादी हुई थी।
पहली – क्यों, तुम्हारे पति खर्राटे भरते हैं?
दूसरी – पता नहीं, हमारी शादी तीन दिन पहले ही हुई है।
जर्मन जनता हँसते नहीं, मुस्कराते नहीं, सदैव गम्भीर चेहरे लिए बैठे रहते हैं।
कम्प्यूटर से बातचीत करते हैं एवं सारा काम कम से कम वक़्त में कर लेते हैं।
एक शराबखाने में 2०-25 जर्मन बैठे हुए शराब पी रहे थे।
पीने के बाद उनमें से एक जर्मन उठकर कहता है – नम्बर 35
सभी जनता बिलकुल ठहाका मारते हैं।
दूसरा कहता है – नम्बर 65 फिर ठहाका।
तीसरा कहता है – नम्बर 27 फिर ठहाका।
एक बुल्गरियन इंसान ने उत्सुकता से पूछा कि ये सब क्या हो रहा है?
जर्मन आदमी ने गम्भीरता से जवाब दिया – हमारे नजदीक 100 लतीफे हैं एवं उनको हमने अलग – अलग नम्बर दे दिए हैं।
जैसे ही कोई भी लतीफे का नम्बर बोला जाता है, सब आदमी समझ लेते हैं कि लतीफा कौन-सा है एवं ठहाका मारने लगते हैं।
याद रखो, अगर आप आज के बाद फिर शराब पीकर घर आए तो मैं खुदकुशी कर लूंगी।
हीरोइन ने अपने लेखक पति से कहा।
पति – प्रिय! आप प्रतिदिन सुबह यही बात कहती हो बल्कि न तो आप खुद वादा पूरा करती हो एवं न मैं शराब पीना छोड़ता हूं।
ईमानदारी एवं नम्रता श्रेष्ठ गुण है, ये बोर्ड काउंटर पर क्यों लगा रखा है?
तुम्हारा मैनेजर तो बड़ा चालाक एवं मुंहफट है।
साहब, यह बोर्ड ग्राहकों के लिए है।
एक पत्नी ने अपने पति को याद दिलाया – अजी, सुनते हो।
क्या हमें अपने मेहमानों को कुछ ताजा वस्तु नहीं देनी चाहिए?
क्यों नहीं। तपाक से पति ने खिड़किया खोल दी।
रुपये बचाने के चक्कर में एक इंसान अपने घर की छत की खुद ही मरम्मत करने लगा।
अनुभवहीनता के कारण वह छत से नीचे गिर पड़ा।
जब वह नीचे गिर रहा था, बीच में रसोईघर की खिडकी आई।
उसे देखकर उसने जोर से चिल्लाते हुए अपनी पत्नी से कहा – आज मेरे लिए भोजन मत पकाना।
दफ्तर से लौटकर पिताजी आराम कर रहे थे।
छोटे मुन्ने ने आकर उन्हें दुखी करना शुरु कर दिया।
कई सवाल कर डाले।
आखिर पूछा, पिताजी आप दफ्तर में क्या करते हैं?
पिता ने टालने के लिए कह दिया – कुछ नहीं।
मुन्ना – तब फिर आपको ये कैसे ज्ञात होता है कि काम खत्म हो गया?
कूटनीति वह कला है कि जब आप कुत्ते को पुच-पुच, करके “बड़ा बेहतर कुता है” ये कहते रहें,
जब तक कि आप पत्थर न उठा लें।
पुरुष गंजे क्यों होते हैं?
दिमाग से अधिक काम करते हैं।
तो फिर स्त्रियां?
इसी वजह से उनके मुंह पर बाल नहीं होते।
महंगाई से मेरे एक मरीज को बहुत फायदा हुआ।
एक डॉक्टर ने अपने एक दोस्त को बताया।
वो कैसे?
महंगाई की वजह से गोश्त, घी, मक्खन, अंडे सब उसकी पहुंच से बाहर हो गए,
जिसकी वजह से उसका कोलेस्ट्रोल ठीक हो गया।
उपरी फ्लैट में रहने वाला सोनू सदैव देर से घर लौटता था।
बिस्तर पर लेटने से पहले वह खुद के जूते फर्श पर पटक देता था जिससे खट की तेज आवाज भी होती थी।
कुछ दिन बाद उसके नीचे वाले फ्लैट में रह रहे रमेश जी ने इस बात की शिकायत की एवं उसे हल्के शब्दों में धमकी भी दे डाली।
उसी रात सोनू फिर देर से आया, बिस्तर के कोने पर बैठकर उसने एक जूत्ता उतारा एवं लापरवाही से फर्श पर पटक दिया।
तभी रमेश जी की बात पर फोकस किया।
उसने दूसरा जूता धीरे से फर्श पर रख दिया।
एक घंटे बाद रमेश जी ने उसके फ्लैट की घंटी बजाई।
सोनू बड़बड़ाते हुए उठा एवं दरवाजा खोला।
रमेश जी ने गुस्से से कहा – दूसरा जूता कितनी देर में फेंकोगे? हमें सोना भी है।
टिंकू (बुद्धू से) – बुद्धू, कोई वस्तु का लंबा-सा नाम बताओं।
बुद्धू – रबड़।
टिंकू – यह तो बहुत थोड़ा है।
बुद्धू – लेकिन इसे खींचकर जितना चाहे लंबा कर सकते हैं।
मरीज (डॉक्टर से) – डॉक्टर साहब, मुझे किसी भी तरह की कोई बात एक मिनट भी याद नहीं रहती।
डॉक्टर – ऐसा कब से है भाई?
मरीज – क्या कब से है?
जब हमारी शादी हुई थी, तब हमने दुख-सुख में एक-दूसरे का साथ निभाने की कसम खाई थी,
वह उदास होती थी, तो मैं भी उदास होता था।
वह खुश होती थी, मैं भी खुश होता था,
वह बीमार होती, मैं भी बीमार होता था?
और अब?
अब वह मां बनने वाली है।
अध्यापिका – परीक्षा में सिर्फ दो दिन रह गए हैं।
अगर किसी छात्र को कुछ पूछना है तो पूछ ले।
छात्र – मैडम, पर्चे किस प्रेस में छप रहे हैं?
एक बच्चा रो-रोकर कह रहा था – मां, मां, गधे पर चढूंगा।
बच्चे के नजदीक ही उसके पिता खड़े थे।
उसे देख कर मां ने कहा-बैठा लीजिए ना, क्या फर्क पड़ता है।
एक दुकान के बाहर एक बोर्ड पर लिखा था – हमारे यहां शादी की हर चीज हर वक़्त तैयार मिलती है।
इसे पढ़कर एक इंसान उस दुकान में पहुंचा।
दुकानदार ने उससे पूछा – क्या दिखाऊं? सूट का कपडा, जूते और सेहरा?
उस इंसान ने उत्तर दिया, अजी, ये सब तो बाद की चीजें हैं, पहले दुल्हन तो दिखाइए।
अच्छा तो तुमने छुट्टियां उस इटालियन के साथ गुजारी?
उसकी सहेली ने पूछा।
हां।
कुछ इतालवी शब्द सीखे हो तो बताओ।
शब्दों से मेरा अधिक वास्ता पड़ा नहीं।
दो नेता समुद्र तट पर घूम रहे थे।
कुछ बच्चे केकड़े को पकड़-पकड़कर एक बाल्टी में डालते जा रहे थे।
बाल्टी पर ढक्कन नहीं था।
नेता जब बच्चो के करीब पहुंचे तो एक नेता बालकों से कहने लगा अरे बाल्टी पर ढक्कन तो रखो।
अगर कोई केकड़ा ऊपर चढ़कर भाग निकला, तो।
एक लड़का बोला – आप चिंता न करें।
यह केकड़े नेताओं की तरह होते है।
यदि एक उपर चढ़ने का प्रयत्न करेगा तो दूसरे उसे खींचकर नीचे गिरा देंगे।
चलती गाड़ी में एक देहाती ने चार किलो घी का डिब्बा उठाया हुआ था।
उसने हाथ थक जाने पर गाड़ी रोकने वाली जंजीर पर डिब्बा लटका दिया।
इससे गाड़ी रुक गई।
गार्ड ने आकर डांटते हुए कहा – तुमने ये डिब्बा यहां क्यों लटकाया है?
देहाती – साहब, नाराज क्यों होते हो? ये तो देसी घी की ताकत है।
पिता (बेटे से) – देखो बेटे, जुआ नहीं खेलते।
ये ऐसी वस्तु है कि अगर इसमें अभी जीतोगे तो कल हारोगे, परसों जीतोगे तो उससे अगले दिन हार जाओगे।
बेटा – बस, पिताजी। मैं समझ गया, आगे से मैं एक दिन छोड़कर खेला करूंगा।
एक मित्र – दोस्त इस पेन के ऊपर मेरा नाम लिखा हुआ है, वरना ये पेन मैं तुम्हें पक्का भेट दे देता।
दूसरा मित्र – कोई बात नहीं मित्र, नाम के आगे लिख दो – की ओर से भेंट।
शिक्षक – जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि, उक्ति की पुष्टि के लिए उदाहरण दो।
रमन – कवि सम्मेलन का रात को होना?